विभागीय जांच वाले पुलिस अधिकारी “ पुलिस थानों एवं सरकारी दफ्तरों में नहीं होगें तैनात “

सरकारी फरमान जारी - पुलिस वालों पर सख्ती तेज
अनिमेष मिश्रा
विभागीय जांच वाले पुलिस अधिकारी “ पुलिस थानों एवं सरकारी दफ्तरों में नहीं होगें तैनात “
अनिमेष मिश्रा
जबलपुर दैनिक द लुक। भोपाल (मध्य प्रदेश) पुलिस मुख्यालय से हाल ही में एक सख्त निर्देश जारी किया गया है कि जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं या जिन पर विभागीय जांच लंबित है, उन्हें कहीं भी थाने, क्राइम ब्रांच या किसी अधिकारी/सरकारी कार्यालय में तैनात नहीं किया जाएगा....
✳️ प्रमुख बिंदु:
- यह आदेश मौजूदा 2014 के परिपत्र का पुनः सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है ।
- कवर किए गए मामले: आपराधिक मामलों (दुर्घटना छोड़कर), भ्रष्टाचार, नैतिक गिरावट, शारीरिक हिंसा, अवैध हिरासत आदि।
- प्रभावित स्थल: थानों, क्राइम ब्रांच और कार्यालय—इन सभी से तैनाती प्रतिबंधित है।
- अनुकरणीय नहीं होने पर सख्त चेतावनी: यदि आदेश का पालन नहीं किया गया, तो जिम्मेदार अधिकारियों का दंड संभव है।
- रिपोर्टिंग प्रक्रिया: सभी पुलिस इकाइयों को ऐसे अधिकारियों की सूची Police HQ को ई‑मेल (aig_admin2@mppolice.gov.in) के माध्यम से भेजनी होगी।
🗺️ पृष्ठभूमि और मकसद:
- पिछले संशोधनों में भी थानों में लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों को नियमित रूप से तबादला करने के निर्देश दिए गए थे—जो इस आदेश का एक और पहलू है।
- इन्हें लागू करने का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
डीजीपी कैलाश मकवाना के नेतृत्व में आईपी पुलिस मुख्यालय ने यह कानूनी और प्रशासनिक निर्देश जारी कर ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को थानों, क्राइम ब्रांच या ऑफिसेज़ में तैनात करने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनके खिलाफ गंभीर आरोप या जांच चल रही है। यह निर्णय पुलिस विभाग के विश्वास, जवाबदेही और कार्य प्रणाली की पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।