दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिकाओं पर ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इन याचिकाओं में अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में तलब करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है.

जस्टिस रविंदर डुडेजा ने ED को अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर दोनों याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि ED हलफनामे में अपनी प्रारंभिक आपत्तियां दर्ज करा सकता है. कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी.

ईडी ने किया था केजरीवाल को तलब

दरअसल, दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए ED ने अरविंद केजरीवाल को कई बार तलब किया था. लेकिन वो ED के सामने पेश नहीं हुए जिसके बाद ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई की थी. ED की शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 2 समन जारी किए थे.

अपनी याचिका में अरविंद केजरीवाल ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन के साथ-साथ सेशंस कोर्ट के 17 सितंबर, 2024 के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें उनकी चुनौती को खारिज कर दिया गया था. सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश वकील ज़ोहेब हुसैन ने अरविंद केजरीवाल की याचिका की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति जताई और कहा कि पहले भी इसी आधार पर एक याचिका खारिज की जा चुकी है और दूसरी पुनरीक्षण याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता.

बता दें कि दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण में कथित अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ED ने मामले में अरविंद केजरीवाल को तलब किया था. आरोप है कि अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के कई नेता शराब लॉबी से रिश्वत के बदले आबकारी नीति में जानबूझकर बदलाव करवाए.

CBI-ED दोनों कर रही हैं जांच

CBI और ED दोनों जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रहे हैं. जांच एजेंसियों का आरोप है कि इस कवायद से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने में किया था. जांच में शामिल ना होने पर ED ने अरविंद केजरीवाल को उनके घर से 21 मार्च को और बाद में न्यायिक हिरासत से ही जून में CBI ने भी गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ED मामले में और 13 सितंबर को CBI मामले में ज़मानत दे दी गई थी.