पुलिस बल की कम संख्या के कारण और मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव के काफिले में समस्त पुलिस का अमला रवाना होने की वजह से ... 665 किलोमीटर दूर बड़वानी से जबलपुर पहुंची टीम लेकिन अदालत में पेश नहीं हुए " सुयश चौबे "  ...

अनिमेष मिश्रा

जबलपुर दैनिक द लुक। छोटू चौबे उर्फ सुयश चौबे एक ऐसा नाम जिसने जबलपुर की आवो – हवा का रुख एक तरफा कर दिया था छोटू चौबे नाम एक ऐसे व्यक्ति का है,जिसका चेहरा मात्र 18 साल की उम्र से ही बदमाशों और अपराधों की दुनिया में चमकने लगा था और देखते ही देखते लोग सुयश चौबे को उनके वास्तविक नाम  की जगह छोटू चौबे के नाम से पहचानने लगें। जहां एक तरफ वर्तमान में 30 साल से अधिक उम्र के पड़ाव को पार कर चुके छोटू चौबे ने शहर में रहकर ही बाहरी प्रदेशों जैसे मुंबई – दिल्ली – मध्यप्रदेश के बड़े और दिग्गज नेताओं से व्यव्हार के नाते मधुर संबध बनाए जिससे राजनेताओं का भी भला हुआ और शहर के युवाओं में लारेंस विश्नोई के नाम से प्रसिद्ध सुयश चौबे को भी हुआ....

जबलपुर पुलिस ने पेशी पर हाजिर नहीं किया --  

छोटू चौबे उर्फ सुयश चौबे को 26 जून 2025 की तारीख को इंदौर के बड़वानी जिले से 660 किलो मीटर दूर जबलपुर तो लाया गया लेकिन विजय नगर थाने में दोपहर 12 बजे लाकर बैठा दिया गया जिसके बाद कोर्ट में पेशी के लिए छोटू चौबे को ले जाना था लेकिन जबलपुर पुलिस ने कुछ कारणों के चलते सुयश चौबे को जिला अदालत में पेश नहीं किया जबकि सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विजय नगर थाने से शाम 5.30 बजे जिला अदालत की जगह बरगी थानें में सुयश उर्फ छोटू चौबे को भेज दिया गया... संभावित है कि 27 जून को हत्या के आरोपी सुयश चौबे को जिला अदालत लाया जाएगा और तब उनकी पेशी होगी लेकिन वर्तमान समय में लोग ऐसा बताते है कि जबलपुर पुलिस का बल कहीं न कही सुरक्षा कारणों के चलते ही छोटू चौबे को कोर्ट में पेश नहीं कर पाया है,इसके अलावा औऱ भी कई अन्य कारण हो सकते है लेकिन उनका केवल अनुमान मात्र ही लगाया जा सकता हैं।

  • मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छोटू चौबे एक शातिर अपराधी है, जो हत्या और मर्डर जैसे संगीन मामलों में शामिल रहे है,दिसंबर 2023 में हत्या के बाद फरार हुए थे और 3 महीने तक ठिकाने बदले थे लेकिन अंततः मार्च 2024 में उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जेल में भी वह विवादों से जुड़ा रहा हालांकि अब वह जेल में बंद है, लेकिन उसके खिलाफ दर्ज किए गए कई मामलों की जांच जारी है वर्तमान समय में छोटू चौबे उर्फ सुयश चौबे वकालत की पढ़ाई के लिए अध्ययनरत् हैं, उनके अपराध का नेटवर्क जबलपुर, कटनी, दमोह और मंडला तक फैला हुआ है।

 

  • तीन महीने तक फरार रहने के बाद पुलिस और टीकमगढ़ जिला टीम की संयुक्त कार्रवाई में जतारा (टिकमगढ़) से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के मौके पर पुलिस ने जुलूस निकाला और कोर्ट में पेश किया गया लेकिन जब एक बार जेल में गैंगवार की स्थिति निर्मित हुई तो इससे प्रशासन भी डर गया था।

 

सुयश के अपराध की (उम्र 18 साल) ----

  • छोटू चौबे ने करीब 18 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा।
  • शुरू में वह स्थानीय गुटबाजी, रंगदारी और मारपीट जैसे छोटे अपराधों में शामिल था।
  • उसके साथियों में कई युवा लड़के थे जो मोहल्ला स्तर पर उसका नाम लेकर धमकाते थे।

 

पहले कांड और पुलिस रिकॉर्ड  ---

  • पहला मामला मारपीट और बलवा का था।
  • फिर उसने अवैध हथियार रखना, जानलेवा हमला, और गैंग बनाकर रंगदारी जैसे संगीन मामलों में हाथ डाला।
  • पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज मामलों की संख्या 15 से ज्यादा हो गई।

 

गैंगस्टर अनिराज नायडू की हत्या (दिसंबर 2023)  ---

  • छोटू और उसके साथियों ने गैंगस्टर अन्ना नायडू को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी।
  • वारदात गोरखपुर क्षेत्र में हुई थी, जिसमें CCTV फुटेज भी सामने आया।
  • इसके बाद छोटू पर ₹10 हजार का इनाम घोषित किया गया।

फरारी और गिरफ्तारी (मार्च 2024)  -----

  • हत्या के बाद छोटू कई महीनों तक फरार रहा।
  • आखिरकार टीकमगढ़ जिले के जतारा में होटल से उसे गिरफ्तार किया गया।

 

 जेल में भी गुटबाजी

  • छोटू को जबलपुर सेंट्रल जेल में रखा गया।
  • वहां भी उसने अपने गैंग के बंदियों के साथ दबदबा बना रखा था...

 

 मुख्य आरोप व धाराएं

  • IPC की धारा 302 (हत्या), 147, 148, 149, 307 (जान से मारने की कोशिश), 384 (वसूली), 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं।
  • गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है।

कोर्ट में सुनवाई की वर्तमान स्थिति

  • जानकारी के अनुसार छोटू चौबे (सुयश चौबे) की नवाबी याचिका (MCRC 9439/2025) पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 18 मार्च 2025 को सुनवाई की और बेल याचिका खारिज कर दी।
  • इसके पहले भी इसी मामले में प्राप्तकर्ता/रीपीट याचिका अस्वीकार कर दी गई थी, जिससे साफ हो गया कि उसे बेल मिलने की संभावना फिलहाल नहीं है
  • वर्तमान में, फैसले का कोई उच्चतर अपील (सुप्रीम कोर्ट या अन्यत्र) दायर करने की सूचना नहीं मिली है।