दूध के व्यापार से हिस्ट्रीशीटर बने “ अब्दुल रज्जाक के सुप्रा डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा “

अनिमेष मिश्रा
जबलपुर दैनिक द लुक। दूध बेचने का व्यापार करने वाला साधारण व्यक्ति जब बदमाशों का सरगना बनने की चाह रखता है तो वह कुछ इस कदर बिगड़ जाता है कि पूऱा शहर उसे गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक पहलवान के नाम से जानने लगता है, हालहीं में उसी कथित हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के नेटवर्क को पकड़ने के लिए 12 जुलाई की तारीख में जबलपुर पुलिस ने उसकी संपत्तियों और रिश्तेदारों के खिलाफ तेज़ी से कार्रवाई शुरू की। रिमांड पर जेल भेजे जा चुके रज्जाक के बेटे सरफराज, भाई मेहमूद, भतीजा अजहर और साथी सज्जाद को पुलिस ने बड़ी संख्या में फोर्स के साथ उनके ओमती-रपटा स्थित घर से हिरासत में लिया एवं घर ताले बंद पाया गया था जिसे तोड़कर पुलिस ने छानबीन की हालाँकि शुरुआती तलाशी में कुछ खास जब्ती नहीं हुई,पिछले कुछ दिनों में पुलिस कार्रवाई के दौरान अब्दुल रज्जाक का गिरोह जकड़ा गया है। प्रमुख रिश्तेदार हिरासत में लिए गए हैं और रज्जाक के कथित अवैध कार्यों — जैसे बिना लाइसेंस वाला मेडिकल सेंटर—पर भी कार्रवाई की गई है,पुलिस का मकसद नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ना और ऐसे संस्थानों को संचालित करने वालों को जिम्मेदार ठहराना है।
जानकारी के मुताबिक विगत दिनों गुरुवार देर रात जबलपुर पुलिस और सिवनी पुलिस की संयुक्त टीम ने पेंच टाइगर रिज़र्व के करीब स्थित ऑलिव रिसॉर्ट से रज्जाक के बेटे, भाई और भतीजे समेत तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से दो लग्जरी कारें, एक लोडेड पिस्टल और ₹50,000 नकद बरामद हुआ है ।
डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा
रज्जाक के भतीजे शहबाज खान द्वारा चलाये जा रहे "सुप्रा डायग्नोस्टिक्स एवं कॉस्मेटिक क्लब क्लीनिक" पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारा।
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- यह सेंटर बिना लाइसेंस, बिना डॉक्टर्स के और कई नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रहा था।
- अग्निशमन मानकों, रेडिएशन सुरक्षा और बायो–मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में बड़ी अनियमितताएँ मिलीं।
- जांच के दौरान यह सेंटर तुरंत सील कर दिया गया।
घटना |
विवरण |
गिरफ्तारी |
रज्जाक के बेटे सरफराज, भाई मेहमूद, भतीजा अजहर और साथी सज्जाद गिरफ्तार |
बरामदियाँ |
दो लग्जरी कारें, लोडेड पिस्टल, ₹50,000 नकद |
घर की तलाशी |
ओमती-रपटा घर में की गई, शुरुआत में कुछ खास नहीं मिला |
सेंटर सील |
शहबाज खान द्वारा संचालित अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर सील |
कौन है अब्दुल रज्जाक --
- रज्जाक ने केवल आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की, और इसके बाद अपने पिता के साथ जबलपुर में डेयरी (दूध का व्यापार) में शामिल हो गए। उनका परिवार करीब 62 साल पहले नरसिंहपुर से जबलपुर आकर 'नया मोहल्ला' में बस गया था।
डेयरी से आपराधिक दुनिया तक
- टोल टैक्स व्यवसाय
1990 में रज्जाक ने डेयरी से मिली पूंजी से "टोल टैक्स बैरियर" के ठेके लेना शुरू कर दिया—यह व्यवसाय सामान्यतः मसलपावर और धौंस के सहारे चले—और इस क्षेत्र में उन्होंने मजबूत पकड़ बना ली। - गैंग का गठन और हिंसक झड़पें
फिल्मों से सीधा अपराध की दुनिया में आए रज्जाक ने गैंग बना लिया और प्रतिद्वंदी गैंग के साथ खूनी टकराव शुरू किया।- 1996 में मनामाहल बस स्टैंड पर पहली जानलेवा घटना।
- 2000 में हाईकोर्ट परिसर में उन पर फ़ायरिंग की गई।
- 2003 में प्रतिशोध के रूप में उन्होंने महबूब अली गैंग के छोटे भाई की हत्या कर दी...
आपराधिक केस व हथियारों का जखीरा
- एफआईआर और NSA
उनके ख़िलाफ़ अब तक लगभग 86–86 से अधिक आपराधिक मामलों में दर्ज हैं, जिनमें हत्या, मारपीट, वसूली, कब्ज़ा, हथियारों की तस्करी, बमबाजी आदि शामिल हैं.. - एन.एस.ए. और भारी आविष्कार
2012 में उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और Restrictive Orders की कार्रवाई हुई। जेल में तलाशी के दौरान उनके पास से विदेशी पिस्तौल और रायफल जैसी अवैध हथियार बड़ी मात्रा में जब्त की गई थीं।
अन्य अवैध कारोबार
- खनन और रियल एस्टेट नेटवर्क
पुलिस की पड़ताल में पता चला कि रज्जाक ने मध्यप्रदेश (शहडोल, अनूपपुर, कटनी आदि) में अवैध खनन के लाइसेंस लिए और उनका दिल्ली-मुंबई-दुबई समेत कई राज्यों और विदेशों में जमीन और रियल एस्टेट नेटवर्क भी था। अनुमानित संपति करोड़ों की है। - राजनीतिक संरक्षण
अपने ज़माने में उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों—पहले बीजेपी, बाद में कांग्रेस—के नेताओं के साथ गठजोड़ बना रखे थे ताकि वे अपने आपराधिक गतिविधियों को छिपा सकें ।
शारीरिक कद (पहलवान) और आतंक
- पहलवानी और बाहुबल
बचपन से पहलवानी और कसरत का शौक था, इसलिए लोग उन्हें “रज्जाक पहलवान” कहते थे। उनकी शारीरिक शक्ति और भयभीत करने की क्षमता ने उनके क्रिमिनल साम्राज्य को और मजबूत किया अब्दुल रज्जाक एक साधारण दूध वाले से तब तब्दील हुए जबलपुर के सबसे डरावने गैंगस्टर में, जिन्होंने 1990 से अपराध की दुनिया में कदम रखा। आज उनके ऊपर दर्जनों आपराधिक मामलों की गिनती है, और उन्होंने राजनीतिक संरक्षण का सहारा लेकर अपना नेटवर्क बहुत बड़ा कर लिया था।
अदालतों में मिली सजा और मामलें -
१. 2013 में 2 साल की सजा (पुराना मामला)
उन्होंने 1996 की एक FIR (41/1996, मदान महल पुलिस) के तहत दुष्कर्म या धमकी जैसे आरोपों में दोषी पाए गए थे। उस केस में अदालत ने उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
२. 2024–25 में अग्रिम जमानत (anticipatory bail)
- मार्च 2024 में रज्जाक ने Sections 195A, 294 और 506 IPC के तहत दर्ज नए आरोपों में पुलिस गिरफ्तारी के डर से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी।
- अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट ने ₹1 लाख के निजी बांड और एक समान जमानती व्यक्ति की शर्त पर उन्हें अग्रिम जमानत दी।
३. सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत की वैधता बरकरार रखी
- अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि जिस अपराध में अग्रिम जमानत दी गई है, वह “सीजनल अपराध है जो 7 साल से कम की सजा योग्य है”, इसलिए इसमें अग्रिम जमानत देना गलत नहीं था ।
- कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि रज्जाक को किसी अन्य मामले में जमानत मिलती है तो उन्हें हर महीने के पहले या दूसरे दिन पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना होगा, और कोई नया अपराध करेंगे तो जमानत रद्द की जा सकती है।
अब्दुल रज्जाक को फिलहाल दोष सिद्धी या पक्की सजा (life imprisonment, death sentence आदि) नहीं मिली है। अब तक उन्हें एक पुराने मामले में 2 साल की सजा हुई है और हाल ही में उन मामलों में अग्रिम जमानत मिली है, जिससे वे जेल से बाहर हैं लेकिन शर्तों के तहत बंधे हुए हैं औऱ यह सभी जानकारियां मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बनाई गई हैं।
मामला |
फैसला / सजा |
1996 FIR (मदान महल) |
2 साल जेल की सजा |
मार्च 2024 (Sections 195A, 294, 506 IPC) |
अग्रिम जमानत (₹1 लाख बॉन्ड) |
अप्रैल 2025 (सुप्रीम कोर्ट समीक्षा) |
हाईकोर्ट का आदेश बरकरार; मासिक रिपोर्टिंग अनिवार्य |