भारतीय वास्तु शास्त्र में हर दिशा का एक खास महत्व होता है. हर दिशा एक खास ऊर्जा और तत्व को दर्शाती है. पश्चिम दिशा यानी वेस्ट, स्पेस एलिमेंट से जुड़ी मानी जाती है. इस दिशा का सीधा संबंध आकाश तत्व से होता है. स्पेस यानी खाली जगह, जो ऊर्जा के आने-जाने का रास्ता बनाती है. लेकिन जब इस दिशा में कुछ गलत चीजें रख दी जाती हैं, तो यह घर की तरक्की, रिश्तों और मानसिक शांति पर असर डालने लगती है. स्पेस एलिमेंट के दो बड़े विरोधी तत्व हैं – फायर और एयर. मतलब अगर वेस्ट दिशा में आग या हवा से जुड़ी चीजें रखी गई हैं, तो घर में संतुलन बिगड़ सकता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
अगर आपके घर में वेस्ट की दिशा में किचन है, गैस चूल्हा है, फायर प्लेस है या फिर लाल या गुलाबी रंग के पर्दे, सजावट की चीज़ें या तिकोने पैटर्न वाले वॉलपेपर लगे हैं – तो ये सभी फायर एलिमेंट को दर्शाते हैं. वास्तु के अनुसार, स्पेस और फायर एक-दूसरे के विरोधी होते हैं. इसलिए वेस्ट दिशा में इन चीज़ों की मौजूदगी नकारात्मक असर डाल सकती है. इससे घर में मानसिक तनाव, बार-बार बहस और आर्थिक रुकावटें आ सकती हैं.

वेस्ट दिशा में एयर एलिमेंट की चीज़ें
ग्रीन प्लांट, हरे रंग की सजावट, चौकोर पैटर्न या बहुत अधिक खुली हवा से जुड़े लक्षण भी अगर इस दिशा में मौजूद हैं, तो वो भी ऊर्जा में गड़बड़ी ला सकते हैं. एयर एलिमेंट और स्पेस एलिमेंट की आपसी टकराहट से घर के सदस्यों में असमंजस, फैसलों में रुकावट और कामों में बार-बार रुकावटें देखी जाती हैं.

वेस्ट दिशा को कैसे करें बैलेंस?
अगर आपके घर की वेस्ट दिशा में ऊपर बताई गई कोई भी चीज़ मौजूद है, तो सबसे पहले उन्हें हटाना या बदलना जरूरी है. उदाहरण के तौर पर अगर ग्रीन प्लांट हैं, तो उन्हें किसी दूसरी दिशा में रखें. हरे रंग की जगह सफेद रंग को प्राथमिकता दें. दीवारों या पर्दों में अगर तिकोने या चौकोर डिज़ाइन हैं, तो उन्हें हटाकर गोल या खाली डिज़ाइन अपनाएं.

सफेद रंग, राउंड शेप और खुला स्पेस – ये सभी स्पेस एलिमेंट के अनुकूल माने जाते हैं. इन्हें शामिल करके आप वेस्ट दिशा को संतुलित बना सकते हैं और घर की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं.